सोमनाथ मंदिर भारत के पश्चिमी तट पर गुजरात राज्य के गिर-सोमनाथ जिले में स्थित है और भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला माना जाता है। इसे “सौराष्ट्र के प्रभु” कहा जाता है। यह मंदिर सनातन धर्म की आस्था, पुनरुत्थान और भक्ति का जीवंत प्रतीक है।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर – इतिहास और भक्ति का अमर प्रतीक
सोमनाथ शब्द का अर्थ है — “सोम के स्वामी”, जो स्वयं चंद्रमा को दर्शाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रदेव ने शिव की उपासना कर इस स्थान पर अपने दोषों से मुक्ति पाई थी, तभी शिव यहाँ प्रकट हुए और यह स्थान ज्योतिर्लिंग बन गया।

धार्मिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रमा को दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से विवाह करना पड़ा था, लेकिन उसने केवल रोहिणी को अधिक प्रेम दिया, जिससे क्रोधित होकर दक्ष ने उसे श्राप दिया कि वह क्षयग्रस्त हो जाए। चंद्रमा ने ब्रह्मा और देवताओं से सहायता मांगी, जिन्होंने उसे शिव की आराधना करने का परामर्श दिया।
चंद्रमा ने वर्तमान सोमनाथ में शिव की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे श्राप से मुक्त किया। यहीं उन्होंने चंद्र को अमरत्व का वरदान दिया और स्वयं सोमनाथ रूप में प्रतिष्ठित हुए।
मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएँ
- यह मंदिर चालुक्य शैली में निर्मित है, जिसमें बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।
- मंदिर की वर्तमान इमारत 1995 में पूरी हुई, जिसका उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने किया था।
- समुद्र तट पर स्थित यह मंदिर अरब सागर की लहरों के बीच दिव्यता और भव्यता का अनोखा संगम प्रस्तुत करता है।
- गर्भगृह में प्रतिष्ठित शिवलिंग और सोने की छत मंदिर की शोभा बढ़ाते हैं।
एक विशेष तथ्य: मंदिर की दीवार पर एक सुनहरी धातु की छड़ (Arrow Pillar) है जो इस बात को दर्शाता है कि इस रेखा के सामने समुद्र के उस पार कोई भूमि नहीं है – दक्षिण ध्रुव तक!
इतिहास में सोमनाथ
- यह मंदिर 6 बार ध्वस्त किया गया और हर बार पुनर्निर्मित किया गया — महमूद गजनवी, अलाउद्दीन खिलजी, औरंगज़ेब जैसे आक्रांताओं ने इसे लूटा।
- अंतिम बार 1947 के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों से इसका पुनर्निर्माण शुरू हुआ।
- यह मंदिर भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक बन चुका है।
सोमनाथ मंदिर कैसे पहुँचे?
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा: दीव एयरपोर्ट (90 किमी) और राजकोट एयरपोर्ट (190 किमी)।
रेल मार्ग: वेरावल रेलवे स्टेशन (7 किमी) सबसे नजदीकी स्टेशन है, जो अहमदाबाद, राजकोट, और जूनागढ़ से जुड़ा है।
सड़क मार्ग: गुजरात के बड़े शहरों जैसे अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, जूनागढ़ से नियमित बसें और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं।
दर्शन और पूजा का समय
सेवा | समय |
मंदिर खुलने का समय | सुबह 6:00 बजे |
पहली आरती | सुबह 7:00 बजे |
विशेष पूजा | सुबह 8:00 – दोपहर 12:00 बजे तक |
संध्या आरती | शाम 7:00 बजे |
मंदिर बंद | रात 9:30 बजे |
प्रकाश और ध्वनि शो:
हर शाम 8:00 बजे मंदिर प्रांगण में Light & Sound Show होता है जो मंदिर के इतिहास को दर्शाता है।
संपर्क और आधिकारिक जानकारी
- आधिकारिक वेबसाइट: www.somnath.org
- फोन नंबर: +91-2876-231212
- ईमेल: info@somnath.org
- पता: सोमनाथ ट्रस्ट, प्रभास पाटन, गिर-सोमनाथ, गुजरात – 362268
यात्रा सुझाव
- मंदिर के पास ट्रस्ट द्वारा संचालित Guest House, लॉज और होटलों की भरमार है।
- पास ही त्रिवेणी संगम, बालुकास तीर्थ, भीलकेश्वर महादेव, और गोपाल मंदिर जैसे दर्शनीय स्थल हैं।
- सोमनाथ से दीव (90 किमी) और गिर नेशनल पार्क (80 किमी) भी भ्रमण के लिए उपयुक्त हैं।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1: क्या सोमनाथ मंदिर में मोबाइल और कैमरा ले जा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, मंदिर परिसर में मोबाइल और कैमरा ले जाना प्रतिबंधित है। बाहर लॉकर सुविधा उपलब्ध है।
प्रश्न 2: क्या विदेशी नागरिकों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति है?
उत्तर: हाँ, सभी श्रद्धालु, चाहे वे किसी भी देश या धर्म के हों, मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।
प्रश्न 3: क्या मंदिर में रुद्राभिषेक की सुविधा है?
उत्तर: हाँ, मंदिर ट्रस्ट द्वारा विशेष पूजा और रुद्राभिषेक की सेवा उपलब्ध है, जिसे अग्रिम बुक किया जा सकता है।
निष्कर्ष
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि भारत की संस्कृति, आस्था और पुनरुत्थान का प्रतीक है। जहां हर पत्थर इतिहास की गवाही देता है और हर लहर शिव के नाम का जाप करती है। यदि आप ज्योतिर्लिंग यात्रा की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सोमनाथ से उत्तम कोई स्थान नहीं।