ओंकारेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित एक अत्यंत पवित्र स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह स्थान अद्वितीय है क्योंकि यहां भगवान शिव दो रूपों में पूजे जाते हैं – ओंकारेश्वर (ओंकार रूप) और ममलेश्वर (अमलेश्वर)। दोनों मंदिर नर्मदा नदी के दो किनारों पर स्थित हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – ओंकार स्वरूप शिव की दिव्य स्थली
‘ओंकारेश्वर’ नाम संस्कृत शब्द “ॐ” से लिया गया है, जिसे ब्रह्मांड का मूल ध्वनि और सृष्टि का बीज माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव ने स्वयं प्रकट होकर ब्रह्मांड की उत्पत्ति का रहस्य बताया था।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर धार्मिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार विन्ध्याचल पर्वत ने घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और उनसे शक्ति प्राप्त की। शिवजी ने प्रसन्न होकर यहां प्रकट होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित होने का वरदान दिया। इस प्रकार, ओंकारेश्वर को ‘विन्ध्य क्षेत्र का रक्षक’ कहा जाने लगा।
ओंकारेश्वर मंदिर की विशेषताएँ
- ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के एक द्वीप ‘मंधाता’ पर स्थित है, जो ‘ॐ’ आकार का माना जाता है।
- मुख्य मंदिर में शिवलिंग स्वयंभू है और प्राकृतिक पत्थर से बना है।
- मंदिर का वास्तुशिल्प नागर शैली में निर्मित है और इसका शिखर अत्यंत भव्य है।
- यहां भक्त जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, और महामृत्युंजय जाप जैसे अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं।
- नर्मदा परिक्रमा और पंचकोशी यात्रा यहां के मुख्य धार्मिक अनुष्ठान हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर तक कैसे पहुँचें?
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा इंदौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (85 किमी दूर) है।
- वहां से टैक्सी, कैब या बस द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग:
- निकटतम रेलवे स्टेशन ओंकारेश्वर रोड (मोर्टक्का) है, जो लगभग 12 किमी दूर है।
- यहाँ से मंदिर तक लोकल टैक्सी और ऑटो रिक्शा उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग:
- इंदौर, खंडवा, और उज्जैन जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा मंदिर तक अच्छी सुविधा है।
- मध्य प्रदेश परिवहन निगम की बसें नियमित रूप से चलती हैं।
दर्शन और पूजा का समय
क्र. | पूजा / दर्शन | समय |
1 | मंदिर खुलने का समय | प्रातः 5:00 बजे |
2 | भोग आरती | दोपहर 12:00 बजे |
3 | संध्या आरती | सायं 8:00 बजे |
4 | मंदिर बंद होने का समय | रात्रि 9:30 बजे |
विशेष पूजा: रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजा, महामृत्युंजय जाप आदि के लिए पहले से पंजीकरण अनिवार्य है।
संपर्क विवरण
- आधिकारिक वेबसाइट: https://www.omkareshwar.org
- फोन नंबर: +91-7280-271200
- ईमेल: info@omkareshwar.org
- पता: ओंकारेश्वर मंदिर, मंधाता द्वीप, खंडवा जिला, मध्य प्रदेश – 450554
यात्रा से जुड़ी सुविधाएं
- प्रसाद वितरण केंद्र: मंदिर परिसर में प्रसाद और पूजन सामग्री मिलती है।
- भक्त निवास और होटल्स: मंदिर ट्रस्ट, मध्य प्रदेश पर्यटन निगम द्वारा संचालित धर्मशालाएं और निजी होटल उपलब्ध हैं।
- नर्मदा घाट: यहाँ पवित्र स्नान के लिए विशेष घाट बनाए गए हैं, विशेषतः कुंडलेश्वर और गोमुख घाट प्रसिद्ध हैं।
- केबल ब्रिज (झूला पुल): यह पुल मंदिर और मुख्य भूमि को जोड़ता है, जिससे आवागमन सुविधाजनक हो जाता है।
आध्यात्मिक गतिविधियाँ
- नर्मदा परिक्रमा: यह एक कठिन लेकिन अत्यंत पुण्यदायी परिक्रमा है जिसमें श्रद्धालु नर्मदा नदी की परिक्रमा करते हैं।
- पंचकोशी यात्रा: पांच प्रमुख मंदिरों की यात्रा जिसमें ओंकारेश्वर प्रमुख है।
- योग और ध्यान केंद्र: मंदिर परिसर में योग शिविर और ध्यान सत्र भी आयोजित होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या ओंकारेश्वर और ममलेश्वर दोनों में दर्शन करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, धार्मिक मान्यता है कि ओंकारेश्वर दर्शन तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक ममलेश्वर में भी पूजा न की जाए।
प्रश्न 2: क्या ओंकारेश्वर में ऑनलाइन पूजा बुकिंग की सुविधा है?
उत्तर: जी हाँ, मंदिर की वेबसाइट या राज्य पर्यटन पोर्टल पर यह सुविधा उपलब्ध है।
प्रश्न 3: नर्मदा स्नान किस समय सबसे उत्तम माना जाता है?
उत्तर: सूर्योदय से पूर्व स्नान को सबसे पुण्यदायक माना जाता है, विशेषकर श्रावण मास और शिवरात्रि पर।
निष्कर्ष
ओंकारेश्वर मंदिर एक ऐसा स्थल है जहां श्रद्धा, अध्यात्म और प्रकृति एक साथ मिलते हैं। यह न केवल शिवभक्तों के लिए, बल्कि आत्मिक शांति की तलाश में लगे सभी यात्रियों के लिए विशेष स्थान है। ‘ॐ’ का दिव्य कंपन, नर्मदा की पावन धारा और शिवलिंग की अद्भुत ऊर्जा हर भक्त के हृदय को छू जाती है। यदि आप मध्य प्रदेश की धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो ओंकारेश्वर को अवश्य शामिल करें।