कैलाशनाथ मंदिर, महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा की गुफाओं में सबसे प्रमुख गुफा (गुफा संख्या 16) है। यह मंदिर भगवान शिव के कैलाश पर्वत के निवास को समर्पित एक भव्य प्रतिकृति है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि भारतीय शिल्पकला की एक अद्वितीय कृति भी है।
कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा – पत्थर से उकेरा गया दिव्य शिवधाम
इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने करवाया था। कहा जाता है कि इस मंदिर को ऊपर से नीचे की ओर एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है — जो इसे विश्व की सबसे बड़ी मोनोलिथिक संरचना बनाता है। यह निर्माण भारत की वास्तुकला, विज्ञान और आध्यात्मिकता का एक अद्वितीय उदाहरण है।

कैलाशनाथ मंदिर की विशेषताएँ
- यह मंदिर एक ही विशाल पत्थर को ऊपर से नीचे काटकर बनाया गया है। यह प्रक्रिया अद्भुत और चमत्कारिक मानी जाती है।
- मंदिर की बनावट कैलाश पर्वत के जैसी है – जिसमें मंडप, गर्भगृह, स्तंभ, नंदी मंडप, और विशाल प्रांगण सम्मिलित हैं।
- मंदिर में शिव-पार्वती, रावण द्वारा कैलाश उठाने का दृश्य, राम-रावण युद्ध, विष्णु के अवतारों की मूर्तियाँ, और देवी-देवताओं की सुंदर नक्काशी मौजूद है।
- नंदी मंडप और मंदिर के गर्भगृह के बीच की दूरी वास्तुशिल्प दृष्टि से अत्यंत सटीक है।
- यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) है और प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक इसे देखने आते हैं।
मंदिर तक पहुँचने का मार्ग
हवाई मार्ग:
- निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद (30 किमी) है, जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
रेल मार्ग:
- औरंगाबाद रेलवे स्टेशन निकटतम स्टेशन है, जो मुंबई, पुणे, नागपुर, हैदराबाद आदि से जुड़ा है।
सड़क मार्ग:
- एलोरा गुफाएँ औरंगाबाद शहर से टैक्सी, बस या निजी वाहन द्वारा पहुँचा जा सकता है। महाराष्ट्र राज्य परिवहन की बसें भी उपलब्ध हैं।
दर्शन और भ्रमण का समय
विवरण | समय |
खुलने का समय | सुबह 6:00 बजे से |
बंद होने का समय | शाम 6:00 बजे तक |
अवकाश | मंगलवार को बंद रहता है |
भ्रमण का उत्तम समय | अक्टूबर से मार्च |
टिकट शुल्क | भारतीय पर्यटक – 40, विदेशी – 600 |
ध्यान दें: मंदिर में नियमित पूजा नहीं होती, यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर स्थल है।
संपर्क और वेबसाइट विवरण
- स्थान: एलोरा गुफाएँ, वेरुल, जिला औरंगाबाद, महाराष्ट्र – 431102
- प्रबंधन: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)
- आधिकारिक वेबसाइट: https://asi.nic.in
- फोन: +91-240-2400620
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या कैलाशनाथ मंदिर में पूजा होती है?
उत्तर: नहीं, यह एक ऐतिहासिक स्थल है और यहाँ प्रतिदिन पूजा-अर्चना नहीं होती। यह मंदिर मुख्यतः दर्शनीय स्थल के रूप में संरक्षित है।
प्रश्न 2: कैलाशनाथ मंदिर की विशेषता क्या है?
उत्तर: यह मंदिर पूरी तरह से एक ही पत्थर को काटकर ऊपर से नीचे की ओर बनाया गया है, जो इसे विश्व में अद्वितीय बनाता है। इसकी वास्तुकला और मूर्तिकला अकल्पनीय सुंदर है।
प्रश्न 3: कैलाशनाथ मंदिर देखने के लिए कितना समय लगेगा?
उत्तर: यदि आप पूरी एलोरा गुफाओं का भ्रमण करना चाहते हैं तो लगभग 3–4 घंटे लग सकते हैं। केवल कैलाशनाथ मंदिर देखने के लिए 1–1.5 घंटे पर्याप्त हैं।
प्रश्न 4: क्या कैलाशनाथ मंदिर पूरे साल खुला रहता है?
उत्तर: मंदिर स्थल साल भर खुला रहता है, सिवाय मंगलवार के। अक्टूबर से मार्च तक का समय मौसम के लिहाज़ से सर्वोत्तम है।
प्रश्न 5: क्या यहाँ गाइड की सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर: जी हाँ, पर्यटकों के लिए सरकारी मान्यता प्राप्त गाइड की सेवा उपलब्ध होती है। साथ ही ऑडियो गाइड और सूचना पट्ट भी जगह-जगह लगे होते हैं।
निष्कर्ष
कैलाशनाथ मंदिर, एलोरा की शिल्पकला और आध्यात्मिकता का अनुपम संगम है। यह मंदिर न केवल भगवान शिव के भक्तों के लिए पवित्र स्थल है, बल्कि इतिहास और वास्तुकला प्रेमियों के लिए भी किसी अजूबे से कम नहीं। यदि आप भारत के अद्भुत चमत्कारों की खोज में हैं, तो कैलाशनाथ मंदिर आपके यात्रा-सूची में अवश्य होना चाहिए।