नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो गुजरात राज्य के द्वारका और बेट द्वारका के बीच स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव का रूप “नागेश्वर” यानी “सर्पों के स्वामी” के रूप में प्रतिष्ठित है। यह मंदिर दुष्ट शक्तियों से रक्षा करने वाले शिव के स्वरूप को दर्शाता है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर – भगवान शिव के रक्षक स्वरूप की भव्यता
शिव पुराण के अनुसार, जो भी श्रद्धालु नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करता है, उसे जीवन में भय से मुक्ति और शांति की प्राप्ति होती है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर धार्मिक कथा
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है। बहुत पहले दारुक नामक राक्षस अपनी पत्नी दारुका के साथ समुद्र के निकट एक वन में रहता था। वह हर समय ब्राह्मणों और साधु-संतों को सताया करता था। एक बार उसने शिव भक्त सुप्रिय नामक एक व्यापारी को बंदी बना लिया।
सुप्रिय ने बंदीगृह में भी भगवान शिव का स्मरण किया। उसकी आर्त्त पुकार से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और दारुक को अपने त्रिशूल से मार डाला। इस स्थान पर शिव ने ज्योतिर्लिंग रूप में स्वयं को स्थापित किया, जिसे आज नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से पूजा जाता है।
मंदिर की विशेषताएँ
- नागेश्वर मंदिर एक विशाल परिसर में फैला है, जहाँ शिव की एक 25 मीटर ऊँची प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है।
- यह मूर्ति ध्यान मुद्रा में बैठे शिवजी को दर्शाती है और भक्तों को दिव्यता का अनुभव कराती है।
- मंदिर परिसर में गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू (स्वतः प्रकट) माना जाता है।
- मंदिर की वास्तुकला आधुनिक शैली की है, जिसमें लाल पत्थरों का उपयोग हुआ है।
यह मंदिर समुद्र के बहुत पास स्थित होने के कारण, यहाँ की हवा और लहरों की गूंज पूजा के वातावरण को और भी पवित्र बना देती है।
मंदिर तक पहुँचने का मार्ग
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा है जामनगर एयरपोर्ट (137 किमी)। यहाँ से टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
रेल मार्ग: नजदीकी प्रमुख स्टेशन द्वारका रेलवे स्टेशन (18 किमी) है, जो अहमदाबाद, राजकोट और वडोदरा से जुड़ा है।
सड़क मार्ग: द्वारका से नागेश्वर मंदिर तक बस, ऑटो और टैक्सी की सुविधाएँ नियमित रूप से उपलब्ध हैं।
दर्शन और पूजन का समय
सेवा | समय |
मंदिर खुलने का समय | सुबह 5:00 बजे |
अभिषेक पूजा | सुबह 6:00 – 9:00 बजे तक |
विशेष पूजन समय | सुबह 9:30 – दोपहर 12:00 बजे |
दोपहर विश्राम | दोपहर 1:00 – 3:00 बजे तक |
संध्या आरती | शाम 6:30 बजे |
मंदिर बंद | रात 9:00 बजे |
संपर्क विवरण और वेबसाइट
- आधिकारिक वेबसाइट: https://dwarkadhish.org
- स्थान: नागेश्वर महादेव मंदिर रोड, द्वारका – ओखा राजमार्ग, गुजरात – 361335
- फोन: +91-2892-234080
- ईमेल: info@dwarkadhish.org
यात्रा सुझाव
- नागेश्वर मंदिर के साथ ही आप द्वारकाधीश मंदिर, बेट द्वारका, रुक्मिणी देवी मंदिर और गोमती संगम भी घूम सकते हैं।
- मंदिर परिसर में प्रसाद, जलपान और बैठने की उत्तम व्यवस्था है।
- यहाँ स्थानीय दुकानों से रुद्राक्ष, शिवलिंग, धूप-बत्ती और धार्मिक पुस्तकें खरीदी जा सकती हैं।
यदि आप द्वारका आए हैं और शिव भक्त हैं, तो नागेश्वर मंदिर जाना एक आध्यात्मिक अनुभव बन सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या नागेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक करवा सकते हैं?
उत्तर: हाँ, मंदिर प्रशासन की ओर से रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप आदि की सेवाएँ उपलब्ध हैं। बुकिंग मंदिर कार्यालय में होती है।
प्रश्न 2: मंदिर दर्शन के लिए कोई शुल्क लगता है क्या?
उत्तर: नहीं, सामान्य दर्शन पूरी तरह निःशुल्क हैं। विशेष पूजा के लिए नाममात्र शुल्क लिया जाता है।
प्रश्न 3: मंदिर परिसर में भोजन की व्यवस्था है?
उत्तर: मंदिर परिसर के पास प्रसादालय और कुछ छोटे होटल मौजूद हैं जहाँ शुद्ध शाकाहारी भोजन उपलब्ध है।
निष्कर्ष
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग न केवल एक पवित्र तीर्थस्थल है, बल्कि यह उस शिवभक्ति का प्रतीक है जो बंधनों में भी स्वतंत्रता देती है। सर्पों के स्वामी भगवान शिव इस मंदिर में रक्षक रूप में विराजमान हैं और उनके दर्शन मात्र से भय, संकट और जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि आप द्वारका की यात्रा पर हैं, तो इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन ज़रूर करें और आत्मिक शांति प्राप्त करें।