बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर – चोल वंश की अद्वितीय भक्ति और वास्तुकला की पहचान

बृहदेश्वर मंदिर, जिसे राजराजेश्वर मंदिर या बड़ा मंदिर भी कहा जाता है, तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और दक्षिण भारत की द्रविड़ स्थापत्य कला का सर्वोच्च उदाहरण माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण चोल सम्राट राजा राजराज चोल प्रथम ने 1010 ई. में करवाया था।

यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। इसे चोल साम्राज्य की शक्ति, संस्कृति और कला का प्रतीक माना जाता है।

बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर – चोल वंश की अद्वितीय भक्ति और वास्तुकला की पहचान
बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर – चोल वंश की अद्वितीय भक्ति और वास्तुकला की पहचान

बृहदेश्वर मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएँ

  • यह मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट पत्थरों से निर्मित है, जबकि तंजावुर क्षेत्र में ग्रेनाइट उपलब्ध नहीं है। इसका अर्थ है कि यह पत्थर दूर-दराज से लाए गए।
  • मंदिर का विमान (मुख्य टॉवर) लगभग 216 फीट (66 मीटर) ऊँचा है और यह दुनिया के सबसे ऊँचे मंदिर शिखरों में से एक है।
  • मुख्य शिखर के ऊपर एक 80 टन वजनी एक ही पत्थर का कलश (कपोल) स्थापित है, जिसे स्लोपिंग रैम्प द्वारा चढ़ाया गया था।
  • मंदिर में एक विशाल नंदी प्रतिमा है, जो एक ही पत्थर से बनी हुई है और 6 मीटर लंबी तथा 3 मीटर ऊँची है।
  • मंदिर की दीवारों पर भगवान शिव के तांडव, नटराज रूप, देवी-देवताओं, और युद्ध के दृश्य नक्काशीदार रूप में दर्शाए गए हैं।

धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएँ

हालाँकि यह मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, फिर भी यहाँ प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है। शिवरात्रि, थिरुवदिरै, और अन्य शिव पर्व विशेष रूप से धूमधाम से मनाए जाते हैं।

मुख्य पूजा भगवान बृहदेश्वर (शिव) की होती है, लेकिन मंदिर परिसर में गणेश, कार्तिकेय, पार्वती और नंदी को समर्पित कई अन्य छोटे मंदिर भी हैं।

मंदिर तक कैसे पहुँचे?

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली (Trichy) एयरपोर्ट है, जो लगभग 60 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग: तंजावुर रेलवे स्टेशन प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा है जैसे चेन्नई, मदुरै, त्रिची, और कोयंबटूर।

सड़क मार्ग: राज्य परिवहन की बसें, टैक्सी, और निजी वाहन तंजावुर तक आसानी से पहुँचते हैं।

मंदिर के दर्शन समय

सेवा समय
मंदिर खुलने का समय सुबह 6:00 बजे
प्रातः पूजा सुबह 6:30 – 8:00 बजे
दोपहर विश्राम दोपहर 12:30 – 4:00 बजे
संध्या दर्शन शाम 4:00 – रात 8:30 बजे
आरती और विशेष पूजा सुबह और शाम दोनों समय

विशेष दिन जैसे शिवरात्रि और पूर्णिमा पर विशेष आरती और संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

संपर्क विवरण और आधिकारिक वेबसाइट

  • स्थान: बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु – 613001
  • प्रबंधन: हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HRCE), तमिलनाडु
  • आधिकारिक वेबसाइट: https://hrce.tn.gov.in
  • फोन: +91-4362-233754
  • ईमेल: contact@hrce.tn.gov.in

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: बृहदेश्वर मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में कब शामिल किया गया था?
उत्तर: बृहदेश्वर मंदिर को 1987 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी, और यह “ग्रेट लिविंग चोल टेम्पल्स” श्रेणी में आता है।

प्रश्न 2: क्या मंदिर में फोटोग्राफी की अनुमति है?
उत्तर: हाँ, मंदिर परिसर में सामान्य फोटोग्राफी की अनुमति है, लेकिन गर्भगृह (मुख्य पूजा स्थान) में फोटोग्राफी वर्जित है।

प्रश्न 3: क्या मंदिर में गाइड की सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर: जी हाँ, तमिलनाडु पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रमाणित गाइड मंदिर की ऐतिहासिक जानकारी और भ्रमण कराने की सेवा प्रदान करते हैं।

प्रश्न 4: क्या यहाँ विदेशी पर्यटक भी आते हैं?
उत्तर: हाँ, यह मंदिर भारतीय और विदेशी पर्यटकों दोनों के लिए बहुत लोकप्रिय है। विशेष रूप से कला, इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले पर्यटक यहाँ बड़ी संख्या में आते हैं।

प्रश्न 5: क्या मंदिर में विशेष पूजा के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा है?
उत्तर: हाँ, तमिलनाडु HRCE विभाग की वेबसाइट पर जाकर विशेष पूजा और अभिषेक की ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।

निष्कर्ष

बृहदेश्वर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, वास्तुशिल्प की उत्कृष्टता, और भक्ति की गहराई का प्रतीक है। यह मंदिर हमें यह सिखाता है कि यदि श्रद्धा, विज्ञान, और कला का संगम हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। यदि आप दक्षिण भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो बृहदेश्वर मंदिर को ज़रूर अपनी सूची में शामिल करें।

@Sree

@Sree, a graduate with 1.5 years of blogging and content writing experience, excels in crafting engaging and informative content.

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