कन्याकुमारी मंदिर, जिसे भगवती अम्मन मंदिर भी कहा जाता है, तमिलनाडु के दक्षिणी छोर पर स्थित है। यह मंदिर देवी पार्वती के अविवाहित कन्या रूप को समर्पित है, जो यहां कन्याकुमारी देवी के रूप में पूजी जाती हैं। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और अत्यंत पवित्र माना जाता है।
कन्याकुमारी मंदिर – तीन सागरों के संगम पर स्थित देवी शक्ति पीठ
पौराणिक कथा के अनुसार, देवी ने भगवान शिव से विवाह के लिए तप किया था, लेकिन विवाह नहीं हो सका और देवी ने जीवन भर ब्रह्मचारिणी रहने का व्रत लिया। इसी कारण उन्हें “कन्याकुमारी” कहा गया। माना जाता है कि देवी की शक्ति से ही समुद्र शांत रहता है और यह स्थल भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने वाला माना जाता है।

कन्याकुमारी मंदिर की विशेषताएँ और वास्तुकला
- यह मंदिर तटीय चट्टानों पर स्थित है और इसकी वास्तुकला तमिल स्थापत्य शैली में बनी है।
- मंदिर में देवी की मुख्य प्रतिमा काली (शक्ति) स्वरूप में स्थापित है, जिनके नाक में हीरा जड़ा हुआ है। यह हीरा इतना चमकीला है कि इसे कभी समुद्री जहाज की दिशा भटकाने वाला बताया गया था।
- मंदिर से अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का संगम स्पष्ट दिखता है। यह भारत का अंतिम छोर भी कहा जाता है।
- मंदिर परिसर में शिवलिंग, गणेश प्रतिमा, और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं।
कन्याकुमारी दर्शन का अनुभव
यह मंदिर न केवल तीर्थ स्थल है, बल्कि एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल भी है। भक्त यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त देखने विशेष रूप से आते हैं, जो समुद्र के किनारे से एक दिव्य अनुभव होता है।
देवी के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त वर्षभर यहाँ आते हैं, विशेषकर नवरात्रि, चैत्र नवमी, और दीपावली पर यहाँ विशेष आयोजन होते हैं।
मंदिर तक कैसे पहुँचें?
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो लगभग 90 किलोमीटर दूर है।
रेल मार्ग: कन्याकुमारी रेलवे स्टेशन से मंदिर सिर्फ 1.5 किलोमीटर दूर है और यह भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: बस सेवाएं तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक से कन्याकुमारी के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। टैक्सी और प्राइवेट वाहन भी उपयुक्त विकल्प हैं।
मंदिर के दर्शन समय
सेवा | समय |
सुबह दर्शन | 4:30 AM – 12:30 PM |
दोपहर विश्राम | 12:30 PM – 4:00 PM |
शाम दर्शन | 4:00 PM – 8:30 PM |
विशेष आरती | सुबह 5:00 AM और शाम 6:30 PM |
नवरात्रि और विशेष पर्वों पर रातभर पूजन, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
संपर्क विवरण और आधिकारिक वेबसाइट
- स्थान: कन्याकुमारी देवी मंदिर, कन्याकुमारी, तमिलनाडु – 629702
- प्रबंधन: हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (HRCE), तमिलनाडु
- आधिकारिक वेबसाइट: hrce.tn.gov.in
- फोन: +91-4652-246223
- ईमेल: support@hrce.tn.gov.in
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या कन्याकुमारी मंदिर में नाक का हीरा आज भी मौजूद है?
उत्तर: हाँ, देवी की प्रतिमा के नाक में एक चमकदार हीरा जड़ा हुआ है, जिसे श्रद्धालु विशेष रूप से देखने आते हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से इसे सामान्य दर्शन के दौरान ढका जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या मंदिर में केवल हिंदू ही प्रवेश कर सकते हैं?
उत्तर: मंदिर में प्रवेश सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है, लेकिन गर्भगृह में केवल हिंदू श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति होती है।
प्रश्न 3: क्या महिलाएं विशेष रूप से यहां पूजन करने आती हैं?
उत्तर: हाँ, विशेष रूप से अविवाहित महिलाएं यहाँ देवी कन्याकुमारी की पूजा करती हैं ताकि उन्हें अच्छा जीवनसाथी मिले और सौभाग्य प्राप्त हो।
प्रश्न 4: क्या मंदिर के पास रहने की सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर: मंदिर के पास अनेक धर्मशालाएं, होटल और लॉज उपलब्ध हैं, जो विभिन्न बजट में रहने की सुविधा प्रदान करते हैं।
प्रश्न 5: कन्याकुमारी यात्रा का सर्वोत्तम समय कौन-सा है?
उत्तर: अक्टूबर से मार्च का समय मौसम और दर्शनों के लिए सर्वोत्तम है। इस दौरान नवरात्रि और दीपावली जैसे पर्व भी आते हैं।
निष्कर्ष
कन्याकुमारी मंदिर एक ऐसा स्थान है जहाँ धार्मिक आस्था, प्रकृति की सुंदरता, और पौराणिक शक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यह मंदिर न केवल दक्षिण भारत का गौरव है, बल्कि पूरे भारतवर्ष के श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र भी है। यहाँ आकर आत्मिक शांति, प्रकृति की लय और देवी शक्ति का अनुभव किया जा सकता है।